खनिज प्रसंस्करण में जिंक सल्फेट की मुख्य भूमिका जिंक अयस्कों का चयन करना और जिंक युक्त खनिजों का प्रतिरोध करना है।आमतौर पर, क्षारीय घोल में इसका प्रतिरोध बेहतर होता है।घोल का पीएच मान जितना अधिक होगा, प्रतिरोध उतना ही अधिक स्पष्ट होगा, जो खनिज प्रसंस्करण के लिए फायदेमंद है।यह कम कीमत और अच्छे प्रभाव वाली आमतौर पर इस्तेमाल की जाने वाली खनिज प्रसंस्करण सामग्री भी है।यह खनिज प्रसंस्करण में एक आवश्यक सामग्री है।
जिंक सल्फेट की क्रिया का सिद्धांत: शुद्ध जिंक सल्फेट सफेद क्रिस्टल है, पानी में आसानी से घुलनशील है, और स्पैलराइट का अवरोधक है।यह आमतौर पर केवल क्षारीय घोल में निरोधात्मक प्रभाव डालता है।घोल का पीएच जितना अधिक होगा, इसका निरोधात्मक प्रभाव उतना ही अधिक स्पष्ट होगा।.जिंक सल्फेट पानी में निम्नलिखित प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है:
ZnSO4=Zn2++SO42-
Zn2++2H20=Zn(OH)2+2H+
Zn(OH)2 एक उभयधर्मी यौगिक है जो अम्ल में घुलकर नमक बनाता है।
Zn(OH)2+H2S04=ZnSO4+2H2O
क्षारीय माध्यम में HZnO2- एवं ZnO22- प्राप्त होते हैं।खनिजों में उनका अवशोषण खनिज सतहों की हाइड्रोफिलिसिटी को बढ़ाता है।
Zn(OH)2+NaOH=NaHZnO2+H2O
Zn(OH)2+2NaOH=Na2ZnO2+2H2O
पोस्ट करने का समय: दिसंबर-14-2023